इस ब्लॉग के माध्यम से मैं डॉ. माधुरी मनुराज बड़थ्वाल सबसे पहले गढ़वाली लोकगीतों को विश्वस्तर पर सिखाने का प्रयास करुँगी,जिससे न केवल भारत में रहने वाले बल्कि प्रवासी भारतीयों को भी अपनी लोक संस्कृति से अवगत होने एवं सीखने का मौका मिल पायेगा ! मेरा प्रयास रहेगा की मैं लिखित ,वीडियो और स्वरलिपि के माध्यम से जन जन तक अपने द्वारा की हुई शोध का सरल एवं वैज्ञानिक ढंग से अवलोकन करा पाऊँ ! मुझे आशा रहेगी की आप सभी संस्कृति प्रेमियों का मुझे परस्पर सहयोग प्राप्त होता रहेगा, जय हिन्द !
क्रमशः............
क्रमशः............
माधुरी जी कृपया ब्लॉग पर लिखते रहिये ...विडिओ भी पोस्ट कीजियेगा और साथ में अपने अनुभवों को लेख द्वारा पोस्ट कीजियेगा, जिससे हमारे लोकगीतों को देश दुनिया के साथ हमारे प्रवासी भाई बन्धु भी न भूलने पाये .. सभी लोग अपनी जड़ों से जमे रहे ..
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाओं सहित सादर
यह अत्यंत हर्ष का विषय है की माधुरी बड़थ्वाल जी की पुस्तक 'गढ़वाली लोकगीतों में राग रागनियां ' का लोकार्पण 3 मई को देहरादून में हो रहा है।
ReplyDeleteमाधुरी बड़थ्वाल जी को इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं!
यह पुस्तक कहाँ से उपलब्ध होगी। केसे ख़रीद सकते हैं इसे
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